चंडीगढ़ (संदीप सैनी) , आज हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड़ के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने अपने मंडियों के दौरे के दौरान किसान व आढ़तियों से बातचीत करने के उपरांत कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण किसान व आढ़ती बर्बाद हो रहा है। एक तरफ तो बेमौसमी बारिश होने दूसरी तरफ सरकार द्वारा किसान की गेहूं ना खरीदने के कारण किसान व आढ़ती दुखी है।
सरकार ने 1 अप्रैल 2023 से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू करने के बाद भी सरकारी अधिकारी मंडियों में गेहूं की खरीद नहीं कर रहे हैं। भारी बारिश होने के कारण थोड़ा बहुत गेहूं का रंग हल्का पड़ गया है और थोड़ी बहुत नमी रह जाती है। सरकार को सरकारी अधिकारियों को तुरंत आदेश देना चाहिए कि कुदरत की मार के कारण गेहूं का जो रंग हल्का पड़ गया है और गेहूं नमी खरीद 12 प्रतिशत की जो शर्त है उस नमी को शर्त को बढ़ाकर 17 प्रतिशत नमी वाली गेहूं को सरकारी एजेंसियों को खरीद करनी चाहिए।
बजरंग गर्ग ने कहा कि किसान की बेमौसमी बारिश के कारण सरसों व गेहूं की भारी मात्रा में फसल खराब हो चुकी है और सरकार द्वारा एमएसपी 5450 रुपए प्रति क्विंटल में सरसों की खरीद ना करने से किसानों ने मजबूरी में अपनी सरसों औने-पौने दामों में बेचनी पड़ रही है अगर सरकार द्वारा गेहूं की खरीद तुरंत नहीं की तो किसान पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा। जब किसान की गेहूं खरीद होगी तो आढ़तियों को आढ़त व पल्लेदारों को मजदूरी मिलेगी।
बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार ने मंडी व गांव सहित गेहूं खरीद के लिए 408 सेंटर बनाए है। मंडियों व गेहूं खरीद सैंटरो में सरकार की तरफ से किसी प्रकार की मूलभूत सुविधा तक नहीं, ना ही कोई सफाई की व्यवस्था है, ना ही कोई चौकीदार है, ना ही मंडियों में अभी तक बारदाना आया है। ऐसे में किसान,आढ़ती व मजदूर बहुत भारी चिंतित है की सरकार गेहूं की खरीद कैसे करेगी। सरकार को अपने वायदे के अनुसार गेहूं की खरीद तुरंत शुरू करके किसान की फसल का उठान व भुगतान 72 घंटे के अंदर-अंदर करना चाहिए और जो भी सरकारी अधिकारी गेहूं व सरसों खरीद में पैसे खाने के चक्कर में देरी करें उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।