पंचकूला, संदीप सैनी/ इदम टुडे न्यूज़ डेस्क . आज एक अनुमान के अनुसार पंचकूला नगर निगम क्षेत्र में लगभग 2 टन पॉलीथिन  की प्रतिदिन खपत होती है य़ह कहना है जजपा जिला पंचकूला के पूर्व शहरी जिला अध्यक्ष ओ पी सिहाग का। जजपा नेता एवं पूर्व में नगर निगम पंचकूला के कार्यकारी अधिकारी रहे सिहाग ने कहा कि पंचकुला नगर निगम क्षेत्र की आबादी लगभग 4 लाख के करीब है। उन्होंने कहा कि अगर  हम य़ह मानकर चले कि एक व्यक्ति प्रति दिन कम से कम 5 ग्राम पॉलीथिन का प्रयोग करता है तो य़ह आंकड़ा 2 टन प्रतिदिन आता है। सिहाग ने कहा कि हालांकि सरकार द्वारा पॉलीथिन के आम बिकने वाले घटिया स्तर के 75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले लिफाफों तथा सिंगल  यूज प्लास्टिक पर रोक लगा रखी है तथा इसके प्रयोग करने व बेचने वाले   वालों पर भारी जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान किया हुआ है।
परन्तु फिर भी मार्केट में तथा हर सेक्टर में लगने वाली किसान सब्जी मंडी में पॉलिथीन धड़ल्ले से बिक रहा है। ये पॉलीथिन के लिफाफे हर जगह कूडे के ढेरों में बिखरे मिल जाते है तथा आवारा पशु इसमे जगह जगह मुहँ  मारते दिखाई देते हैं तथा उसको खा कर शीघ्र मर जाते हैं । पॉलीथिन जो सालों तक गलता नहीं वो धरती में जाने पर उसकी उर्वरा शक्ति नष्ट करता है, वहीं नालों, सीवर में गिरकर उनको ब्लॉक कर देता है। इसके अतिरिक्त अगर इसमें खाद्य पदार्थ  डाले जाये तो उसको भी ज़हरीला बना देता है जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिये हानिकारक होते हैं।
    जजपा नेता सिहाग ने कहा कि गाहे-बगाहे प्रशासन के अधिकारी पॉलीथिन की बिक्री व प्रयोग करने के खिलाफ अभियान भी चलाते रहते हैं पर अधिकारियों के ऊपर काम का ज्यादा भार होने , उनका खुफिया तंत्र मजबूत न होने तथा इस कार्य को गम्भीरता से न लेने के कारण उनका अभियान सफल नहीं हो पा रहा है। हालांकि पंचकूला के विधायक एवं विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता दिल से चाहते हैं कि पंचकूला पॉलीथिन फ्री बने। उन्होंने इस कार्य को  अपने सात सरोकारों में शामिल कर रखा है तथा हर महीने वो इस बारे अधिकारियों एवं प्रबुद्ध नागरिको की मीटिंग बुलाकर इसकी समीक्षा करते हैं। परंतु उनके प्रयासो को कोई सफ़लता मिलती नहीं दिखाई दे रही है।
ओ पी सिहाग ने इस बारे  सुझाव देते हुए कहा कि पॉलीथिन बिक्री व प्रयोग करने पर अंकुश लगाया जा सकता है अगर जिम्मेदार अधिकारी अपनी ड्यूटी का पालन पूरी निष्ठा  एवं दृढ़ इच्छाशक्ति से करे। उन्होंने कहा कि ज्यादा पॉलीथिन  के लिफाफों का प्रयोग रेहड़ी फड़ी वाले तथा विभिन्न सेक्टरो में हर रोज लगने वाली किसान मंडियों में होता है ।अगर नगर निगम ,पुलिस ,हरियाणा शहरी विकास  प्राधिकरण एवं मार्केट कमेटी के अधिकारियों  की टीमें  बनाकर किसान मंडियों में 2 सप्ताह तक पूरी सख्ती बरती जाए तथा प्रशासन की तरफ से इन मंडियों में सस्ती दरों पर कपड़े या जूट के थैले विशेष स्टाल लगाकर लोगों को उपलब्ध करवाए जाये तो ये समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी। उन्होंने इस बारे अपना  अनुभव साँझा करते हुए बताया कि 2016 -17 में तत्कालीन नगर निगम प्रशासन द्वारा इसी तरीके से पॉलीथिन बिक्री व प्रयोग करने पर  लगभग प्रतिबंध लगा दिया था। सिहाग ने कहा कि इसी तरह रेहड़ी वालों तथा दुकानों की चेकिंग भी की जाए,पॉलीथिन के लिफाफे मिलने पर उनका सामान जब्त किया जाए तथा जुर्माना किया जाए।
जजपा नेता ओ पी सिहाग ने  जिला प्रशासन से आग्रह किया कि लोगों को भी पॉलीथिन के प्रयोग करने से होने वाले नुकसान तथा इस के प्रयोग करने पर होने वाली कानून कार्यवाही बारे भी अवगत कराने के लिये एक विशेष कार्यक्रम चलाया जाए। उन्होंने कहा कि उपायुक्त पंचकूला एवं आयुक्त नगर निगम  पंचकुला को शीघ्र एक मीटिंग इस मुद्दे तथा इससे जुड़े सफाई के मुद्दे को लेकर बुलानी चाहिए, जिसमें शहर की सभी संस्थाओं को  बुलाया जाये तथा उनका सहयोग मांगा जाये, साथ में पुलिस व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को भी इस मीटिंग में   बुलाया जाए तथा एक समयबद्ध कार्यक्रम पॉलीथिन के प्रयोग व बिक्री के खिलाफ चलाया जाये ।

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