जीरकपुर। हरमिलाप नगर-रायपुर कलां (चंडीगढ़) रेलवे फाटक की जगह अंडरपास बनवाने के लिए पिछले 7 वर्षों से लगातार संघर्ष करने वाले समाजसेवी प्रताप सिंह राणा ने चंडीगढ़ प्रशासन की हठधर्मी एवं इस कार्य को रुकवाने में राजनीतिक हस्तक्षेप से रुष्ट होकर चंडीगढ़ लोकसभा से सांसद का आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।
उन्होंने बताया कि इस अंडरपास को बनवाने के लिए उन्होंने पांच बार आमरण अनशन रखा। हर बार अनशन तुड़वाने के लिए प्रशासनिक अधिकारी तथा राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों ने केवल आश्वासन देकर इस बहू प्रतिक्षित कार्य को राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते लंबित करवाया है।
एक बार तो रेलवे ने इसके टेंडर भी कर दिए थे लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन की हठधर्मी के कारण तथा प्रशासन के उच्च अधिकारियों के द्वारा स्थानीय बीजेपी लीडरशिप को राजनीतिक फायदा पहुंचने के मकसद से रेलवे ने उसे रद्द कर दिया।
उन्होंने कहा क्योंकि अब लोकसभा चुनाव आ गया है हम अपनी बात लेकर चंडीगढ़ की जनता के समक्ष जाएंगे और उनको बताएंगे किस तरह की नकारात्मकता चंडीगढ़ प्रशासन में यहां की राजनीतिक लीडरशिप के कारण हो रही है। चंडीगढ़ का रुका हुआ विकास पुरी ट्राई सिटी को प्रभावित कर रहा है। गौरतलब है कि चार दिन पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर लाइव होकर इस बात की घोषणा करी थी। जिसमें उन्होंने यह भी कहा था कि उनका राजनीति के दलदल में उतारने का कोई इरादा नहीं है। परंतु लोगों के संघर्ष के लिए यदि राजनीतिक लोगों ने मजबूर किया तो वह इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करेंगे। उन्होंने लोगों से भी आग्रह किया कि इस लोकसभा चुनाव को एक आंदोलन के रूप में देखे और अपने इस आंदोलन के जरिए समाज में एक ऐसा मैसेज दीजिए जिससे सभी राजनीतिक दलों को सबक मिले। मेरा नामांकन चंडीगढ़ के प्रत्येक निवासी का नामांकन होगा और चंडीगढ़ का प्रत्येक निवासी इस चुनाव को अपना चुनाव समझकर बिना किसी प्रलोभन के आम साधारण सामाजिक कार्यकर्ता को चंडीगढ़ लोकसभा का सांसद चुने जाने पर चंडीगढ़ की जनता के प्रत्येक वर्ग की विजय होगी।
अंत में उन्होंने कहा कि यदि चंडीगढ़ प्रशासन लोकसभा चुनाव आचार संहिता लगने से पहले इस अंडरपास से संबंधित टेंडर लगा देता है तथा लोकसभा चुनाव से पहले इसका निर्माण कार्य शुरू करवा देता है तो वह लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसके साथ ही उन्होंने आज अपना 20 सूत्रीय चंडीगढ़ लोकसभा चुनाव को लेकर संकल्प पत्र भी जारी किया।
उन्होंने कहा कि आजाद उम्मीदवार के तौर पर मेरा यह घोषणा पत्र एक ऐसा घोषणा पत्र जिसको कोई भी राजनीतिक पार्टी लागू नहीं कर सकती । यह हमारा घोषणा पत्र केवल घोषणा पत्र ही नहीं अपितु यह मेरा शपथ पत्र है।
चुनावी संकल्प (घोषणा) पत्र
1. सांसद चुने जाने के बाद सर्वप्रथम चंडीगढ़ को स्वतंत्र रूप से पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए पूरी ट्राई सिटी में एक जनमत संग्रह कराया जाएगा जिसमें चंडीगढ़ की सीमा से लगते 50 किलोमीटर तक के क्षेत्र (मोहाली, डेराबस्सी, पंचकूला, बद्दी) को चंडीगढ़ में सम्मिलित करने के संसद में एक बिल के तौर पर पारित किया जाएगा। इसके बाद चंडीगढ़ विधानसभा बनाने का रास्ता साफ हो जाएगा चंडीगढ़ में पार्षद की जगह विधायक चुने जाएंगे और चंडीगढ़ का अपना मुख्यमंत्री होगा अपना चीफ सेक्रेटरी होगा, और चंडीगढ़ के अधिकारियों का अपना एक कैडर होगा । चंडीगढ़ वालों के ऊपर हरियाणा पंजाब के अधिकारी थोंपे नहीं जाएंगे ।
2. अपने पूरे 5 साल के कार्यकाल में मैं पूरी ट्राई सिटी को सिग्नल फ्री करवाउगा। इसका पूरा रोड मैप मेरे पास है।
3. तुरंत प्रभाव से पूरी ट्राई सिटी में मेट्रो रेल का निर्माण कार्य शुरू करवाया जाएगा।
4. झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले गरीब लोगों के लिए नीति निर्धारित की जाएगी और उनको निवास उपलब्ध कराकर भविष्य में किसी भी तरह के स्लम क्षेत्र के पनपने पर पूर्ण प्रतिबंध होगा। और इस तरह पूरे क्षेत्र को स्लम फ्री बनाया जाएगा।
5. दादू माजरा के लोगों को तुरंत प्रभाव से गार्बेज डंपिंग ग्राउंड से मुक्ति दिलाई जाएगी।
6. सेक्टर 17 एवं सुखना लेक को टूरिस्ट डेस्टिनेशन हब के तौर पर विकसित किया जाएगा।
7. हम सरकारी कर्मचारियों के लिए ऐसी नीति का निर्धारण करेंगे जिसके अंतर्गत चंडीगढ़ प्रशासन में कार्यरत सभी कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को जिनकी 240 दिन की नौकरी हो चुकी है। उनको तुरंत प्रभाव से नियमित किया जाएगा और भविष्य में कोई भी कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी सरकारी विभाग में कार्य नहीं करेगा सीधे नियमित कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी।
8 चंडीगढ़ प्रशासन में सरकारी नौकरियां केवल चंडीगढ़ के युवाओं को वरीयता प्रदान की जाएगी।
9. चंडीगढ़ के वरिष्ठ नागरिकों को बुढ़ापा सम्मान पेंशन योजना हरियाणा, पंजाब की तरह उपलब्ध करवाई जाएगी.
10. चंडीगढ़ शहर में कार्यरत सभी महिलाएं चाहे वह सरकारी कर्मचारी हो या फिर किसी प्राइवेट संस्थान में कार्यरत हो, या वह दिहाडी दार मजदूर हो सभी महिलाओं को महीने में तीन दिन का विशेष अवकाश दिया जाएगा, जिसमें उनका किसी भी प्रकार का वेतन नहीं काटा जाएगा तथा ना ही किसी प्रकार की छुट्टी काटी जाएगी।
11. रजिस्टर लेबर के तौर पर कार्यरात सभी महिलाओं को चाहे वह किसी फैक्ट्री में कार्य करती हो या किसी कंस्ट्रक्शन कंपनी में किसी ठेकेदार के पास कार्य करती हो को सीटीयू की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा प्रदान की जाएगी।
12. रोजमर्रा की जरूरत के लिए चंडीगढ़ के रजिस्टर्ड दिहाडी दार मजदूर, स्ट्रीट वेंडर्स, रेडी- फड़ी वालों के लिए चंडीगढ़ स्टेट कोऑपरेटिव बैंक का क्रेडिट कार्ड बनवाया जाएगा। जिसमें 24 घंटे के लेनदेन पर कोई भी ब्याज नहीं लगेगा। जिससे वह सूदखोरों के ब्याज से मुक्ति पा सके।
13. चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों को भी अपने घर से स्कूल, कॉलेज तक जाने के लिए सीटीयू की बसों में मुफ्त सुविधा प्रदान की जाएगी।
14 गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवार के बच्चों को उच्चतर शिक्षा के लिए तथा पीसीएस, एचसीएस, यूपीएससी तथा एनडीए की निशुल्क कोचिंग पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा दिलवाई जाएगी ।
15. सरकारी मकानो के सेक्टरों को खंडहर होने से बचने के लिए।
टाइप 13, टाइप 12, एवं टाइप 11 तक के सरकारी मकान में रहने वाले सरकारी कर्मचारियों को उन्हें मकान का मालिकाना हक दिलाने के लिए एक नीति निर्धारित की जाएगी, जिसके तहत उन्हें मकान को बेचने का अधिकार नहीं होगा, संपत्ति सरकारी ही रहेगी लेकिन वह आजीवन उस सरकारी मकान में रह सकेगा।
16. जिन चंडीगढ़ वासियों का पिछले 10 वर्ष से चंडीगढ़ में अपना व्यापार है या किसी लघु इकाई में कार्यरत है और वह किराए के मकान में रहते हैं उनको भी खाली पड़े सरकारी मकान अलॉट किए जाएंगे।
17. चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के रहने वाले सभी मकान मालिकों को मालिकाना हक दिलवाया जाएगा।
18. बिल्डिंग बायलॉज नीति को लोगों के अनुकूल बनाया जाएगा।
19. चंडीगढ़ पेराफेरी एक्ट में संशोधन किया जाएगा। चंडीगढ़ में पड़ते सभी गांव के लोगों को अपनी जमीन का उपयोग किसी भी प्रकार से करने की अनुमति होगी।
20.चंडीगढ़ के सभी पंजीकृत रेजीडेंट वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष, व्यापार मंडल के अध्यक्ष, प्रॉपर्टी डीलर, कार डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष, सीनियर सिटीजन फोरम के अध्यक्ष, सफाई कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष तथा कर्मचारी यूनियन के अध्यक्षों को मनोनीत पार्षद बनाया जाएगा ताकि शहर को विकसित बनाने के लिए सरकारी नीतियों को बनाने में वह अपना सुझाव एवं योगदान दे सकें।