चंडीगढ़ ( इदम टुडे न्यूज़ डेस्क ) हरियाणा में सरकारी नौकरी के लिए लाखों की संख्या में नौजवान तैयारी करते हैं , लेकिन मौजूदा सरकार में उनमे से चंद लोगों को भी सरकारी नौकरी नहीं मिल पा रही। लंबे समय से देखा जा रहा है कि राज्य सरकार द्वारा विभागों, बोर्डों और निगमों के लिए निकाली गई सरकारी नौकरियां अधर में ही लटकी रह जाती हैं। वहीं, मनोहर लाल सरकार में कई विभागों में पिछले लंबे समय से सरकारी विभागों में पद खाली पड़े हैं, जिन्हे भरा नहीं जा रहा , दूसरी तरफ ऐसे कितने पद हैं, जिनकी परीक्षाएं हो चुकी है लेकिन वे अभी भी कानूनी दांव पेंच में फंसी हुई हैं।
साढ़े 13 हज़ार चपडासियों के पद के लिए आए साढ़े 13 लाख से ज़्यादा आवेदन ः
हरियाणा युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने बेरोज़गारी के आंकड़ों को लेकर हरियाणा की मनोहर सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने ‘डी’ श्रेणी की 21 और 22 अक्टूबर को होने जा रही लिखित परीक्षा को लेकर प्रदेश सरकार को घेरा है l सरकारी विज्ञापन की प्रति दिखाते हुए उन्होंने बताया कि 13,536 ग्रूप ‘डी’ की भर्ती के लिए 13,75,151 आवेदन आये हैं।
इन सभी आवेदकों को लिखित परीक्षा में बैठने के लिए दो सत्रों में परीक्षा करवाई जाएगी और हर सत्र में लगभग 3,44,000 आवेदक ही परीक्षा दे पाएंगे । दिव्यांशु ने कहा कि प्रदेश में बेरोज़गारों की फ़ौज खड़ी हो चुकी है उसका सबूत यह है कि चपरासियों जैसी भर्ती के लिए भी साढ़े 13 लाख से ज़्यादा नौजवानों ने आवेदन करा है। उन्होंने कहा कि बेरोज़गारी व भर्तियाँ ना निकलने के चलते हालात यह हैं कि ग्रैजूएशन , पोस्ट ग्रैजूएशन ,पी एच डी करे नौजवान भी ग्रूप ‘डी’ के लिए मजबूरन आवेदन कर रहे हैं।
बता दें कि, हरियाणा में सरकारी विभागों में हजारों पद खाली पड़े हैं , उसके अलावा जो नौकरियां निकाली गई पटवारी, ग्राम सचिव, नहर पटवारी व अन्य कई नौकरियां ये बोलकर टाल दी गई कि इन सभी नौकरियों को CET के माध्यम से भर्ती करेंगे । 2020 में जारी CET के नोटिफ़िकेशन के बाद लगभग दो साल तक सरकार युवाओं से इसके लिए फॉर्म भरवाती रही , 10 जुलाई 2022 तक 11 लाख युवाओं ने इसके लिए फॉर्म भरे। 5-6 नवंबर 2022 को ग्रुप सी की नौकरियों के लिए परीक्षा हुई |
जिसके परिणाम जनवरी 2023 में घोषित किए गए और कहा गया कि 3 लाख 58 हजार परीक्षार्थियों ने यह परीक्षा पास की है। लेकिन परीक्षा पास होने के बावजूद चार गुना की शर्तानुसर कई नौजवानों को मुख्य परीक्षा से बाहर कर दिया गया , हाई कोर्ट में जब इसका मुद्दा उठता है तो सरकार कोई भी पक्का आंकड़ा पेश नहीं कर पाती। आंकड़ों में हर बार बदलाव देखने को मिलता है। एक भी सही आंकड़ा HSSC पेश नहीं कर पाई। जिसके बाद ग्रुप सी की मुख्य परीक्षा के लिए जब पोर्टल खोला गया तो उसमें भी काफी खामियां देखने को मिली और उसका इल्ज़ाम भी HSSC ने बच्चों पर ही डाल दिया। जिसकी वजह से कई युवाओं के फॉर्म रिजेक्ट भी हो गए।
अब जिन परीक्षार्थियों ने CET क्वालीफाई किया था उन सभी ने फॉर्म भर दिए और जून- जुलाई में परीक्षा होनी थी। इसके बाद जैसे ही परीक्षा की तारीख नजदीक आई कई बार परीक्षा की तारीखों में बदलाव भी किया गया । अंत में 5-6 अगस्त को ग्रुप 56 और 57 की परीक्षा के लिए चुना गया। लेकिन 4 अगस्त को ही एक बड़ा विवाद सामने आया जिसमें पता चला कि बिना वेरिफिकेशन के ही कई परीक्षार्थियों को परीक्षा में बुलाया गया है। हाई कोर्ट ने मामले पर खुद संज्ञान लिया और परीक्षा पर स्टे लगा दिया।
कोर्ट ने कहा- जब तक स्टे नहीं हटता परीक्षा की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। इसके बाद से कोर्ट में यह मामला चल रहा है सितंबर बीतता है , अक्टूबर में भी कोर्ट की तारीख लगती है लेकिन हाई कोर्ट ने जो आदेश दिए थे कि परीक्षा के रिजल्ट चेक कर HSSC दोबारा रिवाइज रिजल्ट निकाले लेकिन इस पर HSSC द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं करी गयी , जिसकी वजह से मामला यूं ही पिछले 4 साल से लटका हुआ है।