चंडीगढ़/इदम टुडे न्यूज़ डेस्क । नेशनल ह्यूमन राइट्स सोशल जस्टिस काउंसिल ऑफ इंडिया चंडीगढ़ के अध्यक्ष कमलजीत सिंह पंछी और सदस्यों ने चंडीगढ़ के सभी स्कूलों के प्रिंसिपलों को सुझाव दिया है कि वे इस दिवाली त्योहार के दौरान अपने-अपने स्कूलों के छात्रों को पटाखों के नुकसान के बारे में जागरूकता अभियान शुरू करें, बच्चों को पटाखों से होने वाले नुकसान के बारे में भी बताएं और निम्नलिखित नुकसानों के कारण बच्चों को पटाखे न जलाने के लिए मार्गदर्शन करें:
1. इससे भारी मात्रा में ध्वनि उत्पन्न होती है, जिससे ध्वनि प्रदूषण होता है जो कभी-कभी लोगों को बहरा भी कर सकता है।
2. इससे निकलने वाले धुएं में कई रसायन होते हैं, जिससे वायु प्रदूषण होता है।
3. स्वास्थ्य और पर्यावरणीय क्षति पैदा करता है ।
4. आतिशबाजी से पशु-पक्षी भी डर जाते हैं।
5. आग दुर्घटनाओं, जलने और शारीरिक चोटों की संभावना बढ़ जाती है।
6. पटाखे नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करते हैं।
7. पटाखे जलाने का मतलब है अपना पैसा जलाना।
नेशनल ह्यूमन राइट्स सोशल जस्टिस काउंसिल ऑफ इंडिया चंडीगढ़ के अध्यक्ष कमलजीत सिंह पंछी और सदस्यों ने सभी बच्चों के माता-पिता से अनुरोध किया है कि वे पटाखों पर इतना पैसा बर्बाद न करें और अपने बच्चों को हरे पटाखों के साथ हरी दिवाली का आनंद दें, या वे बचाए गए पैसे को गरीबों और जरूरतमंद व्यक्तियों को दान कर सकते हैं।

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