चंडीगढ़:-
लंबा समय बीत जाने के बावजूद भी आज तक किसान बाढ़ के मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। यह कहना है हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान का।
उन्होंने कहा कि करीब 5 महीने बीत जाने के बाद भी गिने-चुने किसानों को ही नाममात्र मुआवजा मिल पाया है। किसानों का हज़ारों करोड़ रूपया अब भी बकाया है। पहले ही बाढ़ की मार झेल चुके किसानों को अब सरकार की लेटलतीफी का भी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। मुआवजा देने की बजाय सरकार ने किसानों को पोर्टल के जंजाल में उलझा कर रख दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कपास की फसल भी गुलाबी सुंडी की वजह से बर्बाद हो गई थी। लेकिन इस सरकार ने उसका भी मुआवजा अभी तक नहीं दिया है। जिसके चलते किसान कर्ज लेकर घर चलाने को मजबूर है। किसानों को मुआवजा राशि न देकर सरकार उन्हें प्रताड़ित करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ-साथ कर्मचारी, व्यापारी, ग्रामीण, शहरी समेत तमाम वर्ग इस सरकार से परेशान है। और यह सरकार किसी की भी सुनवाई नहीं कर रही है।
चौधरी उदयभान ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के खून-पसीने की कमाई लूटकर निजी बीमा कंपनियों की तिजोरी भरो योजना बन गई है। संसद में खुद केंद्र सरकार ने जुलाई महीने में एक सवाल के जवाब में माना था कि पिछले 7 वर्षों में इन निजी बीमा कंपनियों ने किसानों से ₹1,97,657 करोड़ बीमा प्रीमियम वसूला लेकिन ₹1,40,036 करोड़ मुआवजा देकर कुल ₹57,000 करोड़ का तगड़ा मुनाफ़ा अपनी तिजोरियों में भर लिया।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में निजी बीमा कंपनियों ने पूरे देश के किसानों से 27900.78 करोड़ रुपया प्रीमियम लिया लेकिन किसानों को सिर्फ 5760.80 करोड़ रुपये ही बीमा मुआवजा दिया। वहीं, हरियाणा में वर्ष 2022-23 में AIC कंपनी ने किसानों से 703.84 करोड़ रुपये प्रीमियम लिया लेकिन सिर्फ 7.46 करोड़ रुपये का ही मुआवजा दिया।
उन्होंने कहा कि बीमा प्रीमियम देने की तारीख तो निश्चित होती है लेकिन किसानों को क्लेम देने की तारीख निश्चित नहीं होती जो सरासर अन्याय है, और अन्याय के खिलाफ कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर संसद तक लड़ाई लड़ेगी।