रायसिंहनगर। समीपवर्ती गाँव पच्चीस एन पी निवासी युवक के वाहन को अधिवक्ता किशोर बारूपाल द्वारा इरादतन टक्कर मार मारपीट की कोशिश का मामला सामने आया है, नशे में धूत किशोर बारूपाल ने अपनी गाड़ी से युवक जसपाल सिंह की मोटर साइकिल को इरादतन दो बार टक्कर मारी और फिर मारपीट का प्रयास किया, सर ए बाज़ार वकील की गुण्डागर्दी देख कर राहगीरों ने बीच बचाव कर जसपाल को छुड़वाया और किशोर बारूपाल को पकड़ कर पुलिस थाना में लाया गया।
लेकिन बाद में किशोर ने अधिवक्ता संगठन के मार्फ़त दबाव बना कर उल्टा जसपाल सहित अन्य कई लोगों पर मुक़दमा दर्ज करवा दिया। अधिवक्ता संगठन में पूरे घटनाक्रम की झूठी जानकारी देते हुए सहानुभूति हासिल कर वकील किशोर ने संगठन के पदाधिकारियों को अपने पक्ष में कर लिया, जिसके बाद वकीलों के संगठन द्वारा पुलिस पर लगातार दबाव बनाया गया। किशोर ने ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठने की योजना के तहत शहर के नामी व्यापारी हरमीत सिंह का नाम बेवजह मामले में दर्ज करवाया है जबकि चश्मदीदों का कहना है कि उक्त वाक़ये के समय हरमीत सिंह घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं थे।
संवाददाता से बातचीत के दौरान हरमीत सिंह ने बताया कि उन्हें तो उक्त घटना की जानकारी ही उनका नाम मामले में घसीटे जाने के बाद हुई है, ऐसे में वो अब अधिवक्ता किशोर पर मानहानि का मामला माननीय न्यायालय में दर्ज करवायेंगे। ग़ौरतलब है कि किशोर आपराधिक प्रवृति का है और अपने पेशे का ग़लत इस्तेमाल प्रारंभ से ही करता आया है, पूर्व में भी रायसिंहनगर थाना में कार्यरत सीआई रामप्रताप जी के साथ किशोर द्वारा मारपीट की कोशिश कर अभद्र व्यवहार किया गया था।
संगठनों के पदाधिकारी पहले मामले की तह तक जाएँ फिर मदद के लिए आगे आएँ
विभिन्न मामलों में देखा जाता है कि संगठनों द्वारा विवादों की पड़ताल किए बग़ैर बेवजह पुलिस पर दबाव बनाया जाता है। अपराधी स्वयं कई बार विभिन्न संगठनों से जुड़ा होता है और फिर वह अपराध कर के बचने के लिए संगठन सदस्यों को सुरक्षा कवच की तरह इस्तेमाल करता है। ज़रूरी ना होने पर भी संगठनों द्वारा धरना प्रदर्शन इत्यादि कर के या करने की धमकियाँ दे कर पुलिस पर दबाव बनाना क़तई उचित नहीं है। ऐसे में संगठन के पदाधिकारियों का यह कृतव्य बनता है कि वे स्वयं पहले मामले को बेहतर तरीक़े से जाँच लें और फिर सही व्यक्ति की मदद के लिए आगे आएँ।
अधिवक्ता संगठन सदस्यों को ग़लत जानकारी दी गई है तो जाँच होगी
किशोर बारूपाल द्वारा घटना को तोड़ मरोड़ कर संघ के सामने पेश किया गया है तो मामले की जाँच संगठन द्वार करवानी जाएगी। किशोर के झूठा पाये जाने पर संघ द्वारा कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए , अगर वो दोषी पाए जाने पर हो सकता है किशोर बारूपाल की अधिवक्ता संघ सदस्यता समाप्त कर देनी चाहिए।