• पहले चंडीगढ़ मेयर चुनाव और अब पी. सारथ रेड्डी से भाजपा द्वारा लिए गए 60 करोड़ का हुआ पर्दाफाश: डॉ. एसएस आहलूवालिया
    प्रधानमंत्री मोदी को तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे देना चाहिए
    भाजपा ने अपने काले कारनामों से ध्यान भटकाने के लिए केजरीवाल को गिरफ्तार करवाया: डॉ. एसएस आहलूवालिया

चंडीगढ़। भाजपा ने अपने काले कारनामों से आम जनता का ध्यान भटकाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को ईडी द्वारा झूठे मामले में गिरफ्तार करवाया गया है। इन बातों का प्रगटावा पंजाब वाटर सप्लाई एवं सीवरेज बोर्ड के चेयरमैन एवं आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ के सह-प्रभारी डॉ. एसएस आहलूवालिया ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए किया।

डॉ. एसएस आहलूवालिया ने कहा कि 30 जनवरी को चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा अपने मनोनीत पार्षद अनिल मशीह के माध्यम से मेयर कुलदीप कुमार के 8 वोट रद्द करवाकर कैमरे के सामने दिनदहाड़े लोकतंत्र की हत्या की गई थी। जिसका पर्दाफाश माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 8 वोटों को वैध करार देते हुए कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ का मेयर घोषित करके किया, जिससे भाजपा की पूरी दुनिया में किरकिरी हुई।

डॉ. आहलूवालिया ने कहा कि पिछले हफ्ते एक और बड़ी खबर सामने आ रही थी। माननीय उच्चतम न्यायालय ने एसबीआई से चुनावी बांड डेटा सार्वजनिक करने को कहा था। एसबीआई महंगे वकीलों को नियुक्त करके यह जानकारी छिपाना चाहता था। माननीय सुप्रीम कोर्ट की लगातार फटकार और कई लोगों की कड़ी मेहनत के बाद 22 मार्च की रात को इलेक्शन बॉन्ड से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक हुई।

इस नई जानकारी के सार्वजनिक होने के बाद यह बात सामने आई कि साउथ के कारोबारी पी सरथ रेड्डी, जिसे ईडी साउथ शराब लॉबी का सरगना बता रही थी। जिसके के बयान के आधार पर अरविंद केजरीवाल को हिरासत में भेजा गया है, उस सरथ रेड्डी से भाजपा ने 60 करोड़ रुपये लिए थे। पहली किस्त सरथ रेड्डी की गिरफ्तारी के 5 दिन बाद दी गई थी।

डॉ. आहलूवालिया ने आगे कहा कि 9 नवंबर 2022 को ईडी कारोबारी पी शरथ रेड्डी के घर पूछताछ के लिए पहुंची थी। 10 नवंबर 2022 को सारथ रेड्डी को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। सरथ रेड्डी को जेल से बाहर निकालने के लिए भाजपा की ओर से दो शर्तें रखी गईं। पहला भाजपा को 60 करोड़ का चंदा और दूसरा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ झूठा बयान देना।

सारथ रेड्डी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ झूठा बयान देने से इनकार कर दिया और वह कोर्ट पहुंच गए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि ईडी उन पर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ झूठा बयान देने के लिए तरह-तरह का दबाव बना रही है। सारथ ने यह भी कहा कि ईडी उनके साथ मारपीट कर रही है और उन्हें अपने मुताबिक बयान देने के लिए मजबूर कर रही है। हालाँकि, उन्हें जमानत नहीं दी गई क्योंकि पीएमएलए की कड़ी धाराएं लगाई गई थीं।

8 महीने जेल में रहने के बाद सरथ रेड्डी सरकारी गवाह बने और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बयान दिया। उस वक्त ईडी ने उनकी जमानत अर्जी पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी। उस वक्त सारथ रेड्डी के दिए गए बयान के आधार पर अरविंद केजरीवाल को 22 मार्च को गिरफ्तार कर ईडी की हिरासत में भेज दिया गया।

उन्होंने कहा कि अब माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा इलेक्ट्रोल बॉन्ड डेटा जनतक होने से भाजपा सरथ रेड्डी से 60 करोड़ रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ी गई है, जिस को लेकर भाजपा के प्रवक्ता एक साल से शोर मचा रहे थे, वह चुनावी बांड जनतक होने से सबके सामने आ गया है। इस लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे देना चाहिए। अब देश भाजपा के काले कारनामों को जान चुका है, जिसके लिए देश की जनता भाजपा को कभी माफ नहीं करेगी।

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