- श्री पैंसठियसा यंत्र एवं छंद सिद्धि अनुष्ठान कार्यक्रम का हुआ आयोजन।
- मानसिक एकाग्रता व आध्यात्मिक उन्नति के लिए होता है श्री पैंसठियसा यंत्र एवं छंद सिद्धि अनुष्ठान : साध्वी अणिमाश्रीजी।
गुरूग्राम, (जतिन /राजा ): श्रीजैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा गुरूग्राम, द्वारा स्थानीय सैक्टर-4 के अरबन एस्टेट स्थित श्रीश्वेतांबर जैन मंदिर शांतिनाथ स्वामी में श्री पैंसठियसा यंत्र एवं छंद सिद्धि अनुष्ठान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सान्निध्य युगप्रधान आचार्य महाश्रमण की प्रबुद्ध शिष्या साध्वी अणिमाश्रीजी का रहा। इस मौके पर साध्वी अणिमाश्रीजी ने बताया कि श्री पैंसठियसा यंत्र तेरापंथ धर्मसंघ में एक महत्वपूर्ण यंत्र है, जिसका उपयोग साधकों की मानसिक एकाग्रता, आध्यात्मिक उन्नति, और तप की सिद्धि के लिए किया जाता है। यह यंत्र विशेष रूप से 65 अक्षरों के पवित्र मंत्रों पर आधारित होता है, जिनका उच्चारण साधक की आध्यात्मिक ऊर्जा को जागृत करता है। छंद सिद्धि अनुष्ठान में विशेष छंदों का उच्चारण और अध्ययन होता है। इन छंदों में ज्यादातर भगवान महावीर, आचार्य भिक्षु, और अन्य जैन गुरुओं के वचनों का समावेश होता है। इसका उद्देश्य छंदों के माध्यम से साधकों में संयम, समर्पण, और धर्म-मार्ग की दृढ़ता को बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि इसके तहत यंत्र का विधिवत पूजन और मंत्रोच्चारण, छंदों का अध्ययन और ध्यान-साधना, साधकों को धर्म, संयम, और यंत्र की महिमा पर मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद, सामूहिक मंगलपाठ, और धर्मसभा का आयोजन किया जाता है।
साध्वी अणिमाश्रीजी ने कहा कि मंत्र शक्ति का खजाना है तथा चेतना को जागृत करने का साधन है। मंत्र साधना से कर्मों की निर्जरा, स्व की सुरक्षा, उपद्रवों की शांति, समाधि प्राप्ति व शक्ति का जागरण होता है। इस मंत्र की आराधना से जीवन में मंगल ही मंगल होता है साथ ही साथ रोग, शोक, दु:ख, दरिद्र एवं विघ्न बाधाओं की शांति होती है। शांति, समाधि, सुयश और पवित्रता की प्राप्ति होती है।
तेरापंथ सभा गुरूग्राम के प्रधान विनोद बापना ने जानकारी देते हुए बताया कि में अनुष्ठान कार्यक्रम में महिला वर्ग के लिए नीली सड़ी या नीला परिधान व पुरूष वर्ग के लिए नीली ड्रैस का ड्रैस कोड निर्धारित किया गया था। जिस नियम का सभी श्रद्धालुओं ने बाखूबी पालन किया। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में अनुष्ठान में पैंसठिया छंद एवं यंत्र सिद्धि की साधना की गई। उन्होंने बताया कि मंत्रों ये सिद्ध यह छंद और यंत्र सकल समस्या का समाधान बन सकता है। उन्होंने कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ में धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए विभिन्न यंत्र, छंद, और अनुष्ठानों का विशेष महत्व है। श्री पैंसठियसा यंत्र और छंद सिद्धि अनुष्ठान भी इसी परंपरा का हिस्सा हैं। इनका उद्देश्य साधकों को ध्यान, साधना, और आत्मिक शुद्धि के मार्ग पर प्रेरित करना है।
इस अवसर पर तेरापंथ सभा गुरूग्राम के प्रधान विनोद बापना, तेरापंथ युवक परिषद गुरूग्राम के प्रधान रिंकू विवेक जैन, टीपीएफ गुरूग्राम के प्रधान अरूण जैन, तेरापंथ महिला मंडल गुरूग्राम की प्रधान कुसुम लुनिया, जेआईटीओ गुरूग्राम के चेयरमैन शैलेस जैन, जनरल सैकेटरी संजय जैन, शांतिनाथ मंदिर के प्रधान अनिल जैन, ट्रस्टी राजकुमार सलगिया, एमके लोढ़ा, कीर्ति वोरा, एसएस संप्रदयाव, प्रकाश जैन, सुभाष जैन, अशोक सुराना सहित जैन समाज के अनेक विशिष्ट श्रावक मौजूद रहे।