कैफ़े आमजन के लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं।
अनुपगढ़/रायसिंहनगर/रायसिंहनगर शहर के कुछ कैफे व होटल अनैतिक कार्यों के अड्डे बनते जा रहे हैं। जहां पर खुलेआम जिस्मफरोशी का धंधा चलाया जा रहा है। होटल व कैफे संचालकों की इतनी सांठगांठ है कि पुलिस की रेड पडने से पहले ही इन्हें सूचना मिल जाती है। दिलचस्प बात यह है कि कई कैफे नियम खिलाफ संचालित किए जा रहे हैं। रायसिंहनगर शहर में दर्जनों कैफे व दर्जनों से अधिक होटलें संचालित हो रही हैं।जानकार सूत्रों की माने तो शहर में चलने वाले कुछ कैफे संचालक युवाओं को केबिन की सुविधा उपलब्ध कराते हैं।
यह केबिन सुविधाओं से युक्त होता है, कैफे संचालकों की ओर से युवाओं से इसके लिए प्रति घंटे के हिसाब से मोटी रकम लेते हैं। इससे ज्याद सहुलियत देने के लिए प्रति घंटे के अतिरिक्त रुपए भी लिए जाते हैं। इन कैफे में अधिकांश स्कूल व कॉलेज स्तर के स्टूडेंट नजर आने लगे हैं।
दिनभर यहां पर लड़के-लड़कियों की भीड़ लगी रहती है। शहर में संचालित कुछ कैफे अनैतिक कार्यों के ठिकाने बनते जा रहे हैं, जो युवक-युवतियों से सुविधा शुल्क के नाम पर अनैतिक कार्य कराने के लिए मोटी रकम भी वसूलते हैं। जानकारों की माने तो कैफे संचालकों को फूड सेफ्टी के तहत लाइसेंस दिया जाता है, जिसमें वे केवल खाने-पीने की चीजें ही रख सकते हैं। संचालक केबिन बनाकर सुविधाएं नहीं दे सकते हैं।
कुछ कैफे होटलों में चल रहा है देह व्यापार
सूत्रों की माने तो कोरोना काल के बाद में होटल संचालकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया। ऐसे में होटल की आड़ में अब शराब व देह व्यापार का धंधा पनप रहा है। जानकारों की माने तो इस काम के लिए शहर में स्थानीय स्तर सहित दिल्ली, मुम्बई, जयपुर, कोलकात्ता से लड़कियों को तीन से चार माह के एग्रीमेंट पर बुलाया जाता है। इसके लिए दलाल भी सक्रिय होते हैं, जो ग्राहकों को लाने का काम करते हैं।
बताया जा रहा है कि लड़कियों की कीमत उनकी उम्र के हिसाब से लगाई जाती है। पुलिस की ओर से होटलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की हिदायत दे रखी है, लेकिन सांठगांठ के चलते निगरानी केवल मौखिक तौर पर ही होती है। इन होटलों में चंद रुपयों के खातिर आसानी से चंद घंटों के लिए कमरा मिल जाता है।