जीरकपुर। जीरकपुर नगर परिषद में चार महीने बाद हुई सदन की बैठक में जमकर हंगामा हुआ। इसे शांत करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा। बैठक के शुरुआती दौर में समाजसेवी सुखदेव चौधरी के साथ आए स्थानीय लोगों ने परिषद के अधिकारियों और पार्षदों को विकास के बारे में सवाल पूछने शुरू किए तो वहां हंगामा हो गया जिसे शांत करने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी। बात यहीं खत्म नहीं हुई। बैठक शुरू होने के आधे घंटे बाद बैठक शुरू हुई तो बैठक में कोई भी विकास का मुद्दा न होने की बात को लेकर आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने बैठक का बायकॉट कर दिया। हैरानी की बात तो यह रही कि परिषद प्रधान खुद अपने वार्ड के कामों के लिए अधिकारियों से जवाब मांगते नजर आए हालांकि बैठक में 16 में से 15 प्रस्ताव पास हुए हैं।

आम आदमी पार्टी के पार्षदों की ओर से बैठक का बायकाट करने के बाद बैठक शुरू हुई तो प्रस्ताव में शहर के पार्क में वेरका बूथ खोलने पर अकाली पार्षदों ने एतराज जाहिर किया और दो प्रतिशत एडवरटाइजमेंट के प्रस्ताव को असहमति के चलते रद्द किया गया। इसके अलावा पीरमुछल्ला क्षेत्र में पंचकूला की ओर से बनाए जा रहे फ्लाईओवर के साथ ड्रेन बनाने की बात पर पंचकूला प्रशासन से बात करने का मुद्दा रखा गया। इसे मंजूर भी किया गया और उसकी प्रोसीडिंग डीसी आशिका जैन को भेजी गई। इसके अलावा बैठक में शहर में घूम रहे मवेशियों, कुत्तों, सीवरेज ओवरफ्लो, बरसाती पानी की निकासी न होना, पीने वाले पानी की समस्या पर चर्चा हुई।
ढाई साल से वार्ड में नहीं हुए कामवार्ड-19 की पार्षद परमिंदर कौर ने आरोप लगाया कि उनके वार्ड में पिछले ढाई सालों से एक भी काम नहीं हुआ। पिछले दो सालों से वह वार्ड में ट्यूबवेल लगाने की मांग कर रही है लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही।

चार महीने बाद रखी बैठक में कोई भी विकास कार्य न होने के कारण आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने बैठक का बायकॉट किया। इस दौरान वार्ड-5 से नेहा शर्मा ने प्रस्ताव की कॉपी फाड़ते हुए कहा कि इस में कोई भी विकास का मुद्दा नहीं है। इसके बाद वह बैठक से बाहर चले गए। उनके साथ हरजीत सिंह मिंटा, नवजोत सिंह, रेनू नेहरू, ऊषा राणा, जसविंदर लोंगिया, सुखबीर लक्की ने भी बैठक का बायकॉट किया। उन्होंने कहा कि लोगों ने हमें चुनकर भेजा है और वह हमसे सवाल करते हैं। इसका हमारे पास कोई जवाब नहीं होता। यदि बैठक में कोई विकास नहीं तो बैठक करने का क्या फायदा।

 

हमारी तरफ से पिछले डेढ़ साल से पांच से छह प्रस्ताव डालकर सरकार को भेजे गए हैं। सरकार ने एक भी प्रस्ताव पास नहीं किया है। हालांकि 50 के करीब प्रस्ताव कुछ समय पहले पास किए गए हैं लेकिन उनका काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है। राजनीति के कारण शहर का विकास रुक गया है। हम काम करने को तैयार हैं लेकिन हमें करने नहीं दिया जा रहा। यहां तक मेरे वार्ड की सड़क व सीवरेज ओवरफ्लो की समस्या को हल नहीं किया जा रहा।

-उदयवीर ढिल्लों, प्रधान नगर परिषद, जीरकपुर

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