पंचकुला: पंचकुला सेक्टर 12 ऐ भगवान वाल्मीकि भवन में हरियाणा वाल्मीकि महासभा पंचकूला द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया गया । इस कार्यक्रम में अनूप धानक श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री हरियाणा मुख्य अतिथि थे । य़ह आयोजन जजपा पंचकुला के शहरी जिला अध्यक्ष ओ पी सिहाग के मार्गदर्शन एवं सहयोग से हरियाणा वाल्मीकि महासभा पंचकुला के पदाधिकारियों द्वारा किया गया। राज्य मंत्री अनूप धानक ने उपस्थित सभी श्रमिकों एवं अन्य कामगार लोगों को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की बधाई दी तथा मजदूरों को आ रही समस्याओं को दूर करने बारे व जल्द समाधान निकालने का आश्वासन दिया तथा भगवान वाल्मीकि महासभा को भवन के बाकी बचे हुए निर्माण हेतु अपने ऐच्छिक कोटे से 5 लाख रुपये की अनुदान राशि देने की घोषणा की।
इस प्रोग्राम में विशिष्ठ अतिथि जजपा शहरी जिला अध्यक्ष ओ पी सिहाग ने सभी को मजदूर दिवस की बधाई देते हुए हरियाणा वाल्मीकि महासभा के पदाधिकारियों की सफल आयोजन के लिए प्रशंसा की तथा कहा कि उपमुख्यमंत्री हरियाणा की सोच है कि गरीब से गरीब व्यक्ति चाहे वो दिहाड़ीदार मजदूर हो या श्रमिक हो या अन्य छोटे मोटे कार्य करके अपना गुजर बशर कर रहे हों, सरकार उनके साथ खड़ी है। इस मोके पर ग्रामीण जिला अध्यक्ष भागसिंह दमदमा, पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अशोक शेरवाल , प्रदेश महासचिव दिलबाग नैन, हरियाणा वाल्मीकि महासभा,पंचकूला के उपप्रधान जसवीर जस्सी , वाल्मीकि महासभा के प्रधान राजेन्द्र लोहाट, सुरेश बेनीवाल सहित वाल्मीकि महासभा के अन्य पदाधिकारियों ने भी सभा को संबोधित किया।
इस अवसर पर जजपा के पार्षद सुशील गर्ग , राजेश निषाद पार्षद, के सी भारद्वाज, नरेंद जैन, सुरिन्दर चड्डा, दीपक चौधरी, रामफल यादव, ईश्वर सिंहमार, सतबीर धनखड , डॉ आर के रंगा, कर्म सिंह चहल, जितेंद्र संधू, आजादसिंह दलेर, मोहन लाल, नसीब सिंह, राम मेहर , हनी सिंह, सागर द्रविड़, राजेश वाल्मीकि तथा हरियाणा वाल्मीकि महासभा पंचकुला के प्रधान राजेन्द्र लोहट ,उपप्रधान प्रेम मलिक पूर्व पार्षद, उपप्रधान जसवीर जस्सी, हरि प्रकाश, कृष्ण कुमार, कविता बिड़लान, पूर्व पार्षद कांता देवी, राकेश लोहट पार्षद, सुदेश बिड़ला, पार्षद सोनू बिड़ला, कर्मचारी नेता जिले सिंह, जोगिंदर सिंह, नरिंदर चावरिया ,सुरेश बेनीवाल, जजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता राजेन्द्र चौधरी, सचिन सिहाग,सुरजीत झंडा सहित बहुत बड़ी संख्या में पंचकुला के विभिन्न कालोनियों व गांवों में रहने वाले गरीब श्रमिक व मजदूर हाजिर थे।