चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि हरियाणा में डबल इंजन की नहीं बल्कि दो-मूंही सरकार चल रही है। इस सरकार ने हरियाणा में 3 गुना महंगाई, 4 गुना कर्ज, 5 गुना अपराध और 6 गुना भ्रष्टाचार बढ़ाने का काम किया है। जबकि रोजगारी देने और विकास के मामले में सरकार की उपलब्धि जीरो रही। हुड्डा चंडीगढ़ में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हरियाणा में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पूरी तरह सफल रही। इसमें लोगों की जबरदस्त भागीदारी देखने को मिली। दोनों ही चरणों में हर जगह लाखों की तादाद में लोग यात्रा का हिस्सा बने।
राहुल गांधी ने हरियाणा के तमाम वर्गों से बातचीत की। पहला चरण नूंह से शुरु हुआ, जहां लोगों ने सड़क, बिजली और पानी का समस्याएं रखी। यात्रा के दौरान नूंह से लेकर अंबाला तक देखा गया कि प्रदेश में सड़कों की हालत बेहद खराब है। नेशनल हाईवे को छोड़कर बाकी तमाम सड़कों में सिर्फ गड्ढ़े ही गड्ढे हैं। सड़कों से लेकर कांग्रेस कार्यकाल में बनी में बनी आईएमटी के हालात आज खराब हैं। इतना ही हनीं कांग्रेस द्वारा बनाए गए स्कूल, कॉलेज, ITI और अस्पतालों को भी सरकार संभाल नहीं पा रही।
हुड्डा ने बताया कि यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने पूर्व सैनिकों और बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे मेडिकल छात्रों से मुलाकात की। सरकार ने छात्रों पर दबाव डालकर उनका आंदोलन खत्म करवाया है। कांग्रेस की मांग है कि मेडिकल छात्रों पर थोपी गई बॉन्ड पॉलिसी वापिस होनी चाहिए। कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी से मिलकर OPS का मुद्दा रखा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि छत्तीसगढ़, राजस्थान और हिमाचल की तरह हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनने पर कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाएगा।
दूसरे चरण में भी राहुल गांधी ने किसान, किसान नेता, मजदूर, आढ़ती, कर्मचारी, पूर्व सैनिक, पूर्व वाइस चांसलर्स व्यापारी, एमएसएमई संचालकों, चौकीदार, सरपंच, सफाई कर्मी, मनरेगा मजदूरों समेत कई सामाजिक व नागरिक संगठनों से मुलाकात की। राकेश टिकैत और युद्धवीर सिंह समेत तमाम किसान नेताओं ने MSP की गारंटी समेत किसानों की कई समस्याओं को रखा। प्रदेश में गन्ने के दामों को लेकर भी किसानों ने राहुल गांधी से बात की।
करनाल में यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने ओबीसी समाज और घुमंतू समाज के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर उनकी समस्याओँ को सुना। करनाल में ही उन्होंने हरियाणा के भीम अवार्डी, अर्जुन अवार्डी, द्रोणाचार्य अवार्डी, खिलाड़ियों से मुलाकात की। सरकारी स्कूलों को बंद करने और स्कूलों में शिक्षकों की कमी को लेकर छात्र और छात्राओं ने राहुल गांधी से बात की। प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी और भर्तियों में भ्रष्टाचार समेत तमाम मुद्दों युवाओं के प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी के सामने रखा। युवाओं और पूर्व सैनिकों ने अग्विवीर योजना के खिलाफ अपने विचार खे।
हुड्डा ने बताया कि यात्रा के दौरान लोगों ने परिवार पहचान पत्रा (PPP) का मुद्दा भी उठाया। लोगों ने इसे परमानेंट परेशानी पत्र नाम दिया है। क्योंकि इसके चलिए सरकार ने 10 लाख परिवारों के राशन कार्ड काट दिए। परिवार की आय को 8 से 10 गुणा बढ़ाकर दिखाया गया है। यहां तक 4 से 5 साल की उम्र के बच्चों की इनकम को 15 से 20 हजार रुपए दिखाकर उनके परिवार के राशन कार्ड काट दिए गए।
पीपीपी का नाम लेकर अब तक सरकार लगभग 5 लाख बुजुर्गों, बेसहारा बच्चों और विधवाओं का सम्मान भत्ता या पेंशन काट चुकी है। गरीबों परिवारों की अनाप-सनाप आय दिखाकर उन्हें कल्याणकारी योजनाओं से वंचित किया जा रहा है।
बढ़ते कर्ज का आंकड़ा पेश करते हुए हुड्डा ने कहा कि इस वक्त हरियाणा पर 3 लाख 25 हजार करोड़ का कर्जा है और 1 लाख 22 हजार करोड़ की देनदारी है। अगर सरकार को लगता है कि यह आंकड़ा सही नहीं है तो उसे तुरंत श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।
हुड्डा ने कहा कि CMIE की रिपोर्ट के अनुसार आज हरियाणा 37.4% बेरोजगारी दर के साथ देश में सबसे ऊपर है। यह पूरे देश से साढ़े 4 गुणा ज्यादा बेरोजगारी दर है। ऐसे में सरकार कौशल रोजगार निगम के जरिए युवाओँ के साथ खिलवाड़ कर रही है। पक्की नौकरियां देने की बजाए ठेका प्रथा को बढावा दिया जा रहा है।
खेल मंत्री पर लगे आरोपों पर बोलते हुए हुड्डा ने दोहराया कि उन्हें बिना देरी के नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। बिना उनके इस्तीफे के मामले की निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। सरकार द्वारा बनाई गई एसआईटी पर भरोसा नहीं किया जा सकता। क्योंकि इससे पहले खनन घोटाले से लेकर डीएसपी की हत्या तक के मामले में हरियाणा ने देखा है कि किस तरह से एसआईटी के नाम पर मामलों को दबाने का काम किया गया। नूंह में डीएसपी की हत्या के मामले में लीपापोती करते हुए एसआईटी ने पूरी जांच एक ड्राइवर तक सीमित कर दी। किसी भी बड़े मगरमच्छ पर कार्रवाई नहीं हुई। इस सरकार में एसआईटी का मतलब स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम नहीं बल्कि सप्रेस दी इंटरनल ट्रुथ हो गया है। भ्रष्टाचार और अपराध के मामले में सरकार हमेशा सच को दबाने का काम करती है।
सरपंचों की पावर खत्म करके सब कुछ ई-टेंडरिंग के हवाले करने के फैसले को भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने लोकतंत्र विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को चुने हुए सरपंचों पर भरोसा नहीं है। जबकि उसे ऐसे पोर्टल पर भरोसा है जिसमें पहले ही हजारों खामियां देखने को मिली। सरपंचों को दरकिनार करके सरकार चुने हुए प्रतिनिधियों का अपमान कर रही है।