मोहाली: किडनी शरीर से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को निकालकर हमारे स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भले ही किडनी से संबंधित विकार पूरी दुनिया में आम हैं, लेकिन इसके बारे में जागरूकता का स्तर काफी कम है। किडनी और इससे संबंधित जटिलताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल मार्च में दूसरे गुरुवार को विश्व किडनी दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष के आयोजन का विषय “किडनी हेल्थ फॉर ऑल” है।

यह जानकारी फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली के सीनियर कंसल्टेंट और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. सुनील कुमार ने एक एडवाइजरी के माध्यम से दी और किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखने और संबंधित बीमारियों, विशेष रूप से क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) की रोकथाम के महत्व पर बात साझी की।

डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि पिछले कुछ दशकों में किडनी के रोग जैसे पथरी, संक्रमण, सीकेडी, नशीली दवाओं से संबंधित किडनी की चोट, कैंसर आदि कई गुना बढ़ गए हैं। 30-50 वर्ष की आयु के लोगों ने अंडरलाइंग किडनी की बीमारियों की भी शिकायत की है। जीवनशैली में बदलाव के अलावा, कुछ खाद्य पदार्थ और आदतें जैसे बहुत अधिक नमक का सेवन, दर्द की दवा, सेल्फ मेडिकेशन, बहुत अधिक मीठा, कम पानी का सेवन, उच्च प्रोटीन आहार, अधिक मांस (लाल मांस), प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, शराब, धूम्रपान, नींद की कमी, व्यायाम की कमी, लंबे समय तक बैठे रहना और लंबे समय तक पेशाब रोककर रखना किडनी की समस्या का कारण बन सकता है।

उन्होंने बताया किसीकेडी के शुरुआती चरण में कोई लक्षण नहीं दिखता है, इसलिए इसका जल्दी निदान करना मुश्किल है। “अत्यधिक थकान, भूख में कमी, शरीर पर सूजन, एकाग्रता में कठिनाई, नींद में गड़बड़ी, उच्च रक्तचाप, पेशाब में झाग आना, शरीर में अत्यधिक खुजली, उल्टी करने की प्रवृत्ति, सांस लेने में कठिनाई आदि जैसे लक्षणों के मामले में किडनी से संपर्क करें।

सीकेडी का निदान कैसे किया जाता है? इस पर डॉ कुमार ने कहा कि ब्लड यूरिया या ब्लड यूरिया नाइट्रोजन, सीरम क्रिएटिनिन, यूरिन रूटीन और माइक्रोस्कोपिक जांच, माइक्रो-एल्ब्यूमिन क्रिएटिनिन रेशियो टेस्ट, पेट का अल्ट्रासाउंड और किडनी बायोप्सी जैसी जांच से स्थिति का पता लगाने में मदद मिल सकती है।

डॉ. कुमार ने किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के टिप्स देते हुए कहा, “एक स्वस्थ जीवन शैली का पालन करें, भरपूर पानी का सेवन करें, संतुलित आहार लें, 6-8 घंटे की अच्छी नींद लें, नियमित व्यायाम और नियमित जांच से किडनी की बीमारियों को रोकने में मदद मिल सकती है।

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