मोहाली (हरप्रीत जैसवाल ) राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता को रद्द करने का पूरा मुद्दा प्रधान मंत्री को अडानी की शेल कंपनियों को 20,000 करोड़ रुपये देने पर उठने वाले एक बहुत ही सरल प्रश्न से बचाने के लिए बनाया गया है।
आज एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए आल इंडिया कांग्रेस कमेटी और पंजाब कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अर्षप्रीत सिंह खडियाल ने बताया कि इसी संदर्भ में संविधान बचाओ मार्च का आयोजन कांग्रेस पार्टी द्वारा 8 अप्रैल से लेकर 16 अप्रैल पूर्ण भारतवर्ष में किया जा रहा है उसी की तर्ज पर पंजाब में भी संविधान बचाओ मार्च किया जाएगा ।
दरअसल, यह पूरा मामला तब शुरू होता है जब राहुल गांधी 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी भाषण देते हैं, जिसमें राहुल गांधी ने बयान दिया था कि मोदी कुछ चोरों के नाम के पीछे क्यों हैं? लेकिन यह कथन यह नहीं कहता कि सभी मोदी चोर हैं और फिर 16 अप्रैल 2019 को बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने गुजरात के सूरत में शिकायत दर्ज कराई ।
7 मार्च 2022 शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत पर गुजरात हाईकोर्ट से स्टे मांगा और हाई कोर्ट ने स्टे दे दिया।
7 फरवरी 2023 को राहुल गांधी ने लोकसभा में अडानी और प्रधानमंत्री मोदी के रिश्तों पर सवाल उठाते हुए भाषण दिया। 16 फरवरी 2023 को, शिकायतकर्ता ने गुजरात उच्च न्यायालय में रहने के अपने अनुरोध को वापस ले लिया।
ट्रायल 27 फरवरी 2023 को फिर से शुरू ट्रायल कोर्ट 23 मार्च 2023 को फिर से शुरू ट्रायल कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराया और उन्हें अधिकतम 2 साल की सजा सुनाई।
24 मार्च 2023 लोकसभा सचिवालय ने 24 घंटे के भीतर राहुल गांधी को अयोग्य घोषित कर दिया।
दरअसल यह पूरी साजिश लोकतंत्र की आवाज को दबाने के लिए रची गई है। लेकिन कांग्रेस पार्टी लोकतंत्र की आवाज को बुलंद करने के लिए इस संविधान बचाओ मार्च का आयोजन किया जा रहा है ताकि लोकतंत्र पर जनता का विश्वास बना रहे ।