चंडीगढ़ (डॉली सिंह, विक्रम गौतम): वी केयर फोर यू यानि कि हमें आपकी चिंता है…। ये स्लोगन चंडीगढ़ पुलिस का है। लेकिन, सेक्टर-38 निवासी शुभम धीमान के साथ हुई 90 लाख रुपए की ठगी में जांच एफआईआर से आगे नहीं बढ़ सकी है। शुभम का आरोप है आरोपियों को पकड़ कर लाना या फिर आमने-सामने बैठाकर बात करना तो दूर दर्जनों बार मिलने के बावजूद चंडीगढ़ पुलिस का कोई अफसर उन्हें रिप्लाई नहीं दे रहा है। मेल से केस स्टेटस जानने का प्रयास किया जाता है तो रिप्लाई नहीं आता ।रोहित ने बताया वह सेक्टर-38में ही रहता है। उसके घर के बिल्कुल सामने बिहार के रहने वाले रोहित कुमार सिंह, उसकी पत्नी मीरा शर्मा, रोहित की मां ललीता देवी, पिता शिवाजी सिंह, रोहित की बहन अपराजिता रहती थीं। वहीं मीरा की मां मधु शर्मा सेक्टर-40में रहती थी। रोहित और उसके परिवार ने सेक्टर-38मंे ही फाइनेंस कंपनी खोली थी। जहां पर कई लोगों ने पैसे लगाए। उसने भी 90 लाख लगाए थे। शुरू-शुरू में सब ठीक चला। बाद में ये परिवार कंपनी बंद कर रातों रात भाग गया।वरिष्ठ अधिकारियों के पास रोहित बार-बार जाता रहा तो तत्कालीन एसएसपी कुलदीप सिंह चहल ने शिकायत जांच के लिए एएसपी मृदुल अब एसपी को सौंप दी। एएसपी का रीडर जसविंदर बार-बार पीड़ित को बुलाता। करीब चार बार तो बयान दर्ज कर चुका है, लेकिन एक बार भी आरोपियों को नहीं बुलाया। उसकी गाड़ी के नंबरों से लेकर सास मधु का एड्रेस,बिहार का एड्रेस सब कुछ पीड़ित ने जसविंदर को कार्रवाई के लिए दिया। लेकिन, कुछ नहीं हुआ। इस पर रोहित ने फिर अधिकारियों के पास गया। इस पर28दिसं बर2022को आरोपी रोहित और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओँ के तहत केस दर्ज कर दिया गया। अब एफआईआर दर्ज हुए64दिन बीत चुके हैं, लेकिन न तो पुलिस की तरफ से आरोपियों की एलओसी जारी की गई और न उनको पकड़ने के लिए एक बार भी छापेमारी। अब64दिनो के बाद पीड़ित का पता चला कि उसकी फाइल आर्थिक अपराध शाखा को ट्रांसफर कर दी गई है।

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