जीरकपुर /इदम टुडे न्यूज़ डेस्क /आशा गुप्ता,यहां औसतन हर दूसरे दिन नशे से एक मौत हो रही है। 9 लाख लोग नशा मुक्ति केन्द्रों में रजिस्टर्ड हैं और 25 लाख से अधिक नशा कर रहे हैं। चिंता यह कि इनमें स्कूल की उम्र के बच्चों से लेकर शादी की उम्र के युवा सबसे ज्यादा हैं।

एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार 2017 से 2021 यानी 4 साल में पंजाब में 272 मौतें नशे से हुईं। 2020 में कोरोना के कारण जीरो मौतें दिखाई गईं। फिर 2022 से अब तक 19 महीने में भी मौतों का आंकड़ा 272 हो चुका है। 19 माह के ये आंकड़े तो सिर्फ अखबारों में छपी खबरों के मुताबिक हैं, इनमें वही मौतें शामिल हैं जो अस्पतालों में हुईं या सार्वजनिक की गईं।

नशे का सबसे ज्यादा प्रभाव मालवा में रहा है। जहां पर पिछले 19 माह में 222 लोगों की नशे से मौत हुई है। अकेले फिरोजपुर में 56 लोगों ने नशे से जान गंवा दी। दूसरे स्थान पर मोगा जिला है। जहां 47 मौतें हुई हैं। बठिंडा में 32 लोग 2 साल में नशे से जान गंवा चुके हैं। 23 जिलों में से पठानकोट और फतेहगढ़ साहिब में अब तक कोई मौत सामने नहीं आई है।

सबसे ज्यादा 18 से 30 साल तक के युवाओं की मौत

जानकारी के मुताबिक 2017-2021 के दौरान पंजाब में 272 मौतें नशे से हुईं। 2017 में 71, 2018 में 78, 2019 में 45 व 2021 में 78 की जान गई। 2020 में मौतें जीरो बताई हैं। 2017 से 2019 तक मरने वालों में 18 से 30 आयु के 122 युवा, 59 की आयु 30-45 साल थी। 45 से 60 के बीच 8 व 60 से ऊपर आयु के 2 की मौत हुई। मृतकों में 14 से 18 साल के 3 युवा शामिल थे।

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