जीरकपुर। वेश्यावृत्ति केवल भारतीय समाज में ही प्रचलित निन्दनीय प्रथा नहीं रही है अपितु संसार की अन्य सभ्यताओं और राष्ट्रों में यहां तक कि विक सित राष्ट्रों में भी यह बुराई पहले की तरह अभी भी प्रचलित और विद्यमान है। वेश्यावृत्ति जैसी बुराईयो को समाप्त किये बिना काई भी समाज अपने को पूर्णत: सभ्य और विकसित समाज कहलाने का दावा नहीं कर सकता है। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के अनुसार, वेश्यावृत्ति वास्तव में अवैध नहीं है, लेकिन कुछ गतिविधियां ऐसी हैं जो वेश्यावृत्ति का एक बड़ा हिस्सा हैं और अधिनियम के कुछ प्रावधानों के तहत दंडनीय हैं, जैसे होटलों में वेश्यावृत्ति करना.

एक सेक्स वर्कर की व्यवस्था करके वेश्यावृत्ति में शामिल होना. एक ग्राहक के लिए यौन क्रिया की व्यवस्था करना. हमारे देश में वेश्यावृत्ति गैरकानूनी नहीं है, लेकिन इसके लिए किसी को फोर्स करना और सार्वजनिक वेश्यावृत्ति करना गैरकानूनी है. वेश्यालय का मालिकाना हक भी अवैध है. जब हम रेड लाइट एरिया का जिक्र सुनते हैं तो हमारे दिमाग में सबसे पहला नाम दिल्ली तथा कोलकाता की बदनाम गलियों का ही आता है परंतु आज हम आपको एक ऐसे सच से रूबरू करवाएंगे जिससे आपके पैरों तले जमीन ही खिसक जाएगी।

यह सुनकर आपको ताज्जुब होगा कि पंजाब के मोहाली में आने वाला शहर जीरकपुर ही रात 10 बजे के बाद मिनी रेड लाइट एरिया बन जाता है। यहां होटलों से लेकर स्पा तक में जिस्मफरोशी का यह धंधा काफी फल-फूल रहा है। इन लोगों में पुलिस का कोई डर ही नहीं है। पुलिस साल में 1 से 2 बार रेड मार कर चली जाती है फिर 3 से 4 दिन तक यह धंधे को बंद कर देते हैं। बाद में फिर से सब कुछ पहले जैसा हो जाता है।

जब हमारी की टीम जीरकपुर स्थित एक होटल में पहुंची तो टीम ने पाया कि होटल बाहर से तो एक साधारण होटल की ही तरह प्रतीत होता है, काउंटर भी एक साधारण होटल के काउंटर की ही तरह लग रहा था। परंतु जब होटल के अंदर की स्थिति का मुवायना किया तो स्थिति काफी भयावह थी। ऐसे होटलों में एक सभ्य समाज का आदमी एक सेकंड भी नहीं बिता पाएगा। कमरों के अंदर 3 से 4 महिलाएं बैठी होती हैं। तथा ग्राहक अपनी पसंदानुसार लडकी से उसका रेट पूछता है। आखिर क्यों चल रहा है यह जिस्म का व्यापार, लडकियों की मजबूरी या मर्जी?

 

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