चंडीगढ़। सावन मास के उपलक्ष्य में मंहत श्री जयकृष्ण नाथ जी के सानिध्य में सेक्टर 36 स्थित प्राचीन गुग्गा माड़ी मंदिर में 12 ज्योतिर्लिंगों  का वेदाक्त विधि अनुसार रूद्राभिषेक किया गया। इससे पूर्व भगवान शिव की भक्तजनों द्वारा विधि विधान से पूजा की गई।

मंदिर परिसर में 12 ज्योतिर्लिंगों में भक्तों ने पं सुशील मोदगिल मंत्रोच्चारण के साथ विधि विधान के साथ बेल पत्र फूल फल व धी दूध इत्यादि चढाया और भगवान शिव की आराधना की।आयोजन के अंत में महामंडलेश्वर व मंदिर की संचालिका सुरेन्द्रा देवी ने भगवान शिव के पावन 12 ज्योतिर्लिंगों के बारे में प्रकाश डाला और भगवान शिव की महिमा का गुणगान कर भजन गाया।

उन्होंने श्रद्धालुओं को बताया कि सावन मास में भगवान शिव की पूजा अर्चना विशेष रूप से की जाती है। भगवान शिव भक्तों के लिए भोले भाले हैं। सावन मास में एक बेल पत्र भी भगवान शिव पर अर्पित किया जाए तो वे लाख गायों की सेवा के सामान है। भगवान को लक्ष्मी प्राप्त करने लिए गन्ने का रस अर्पित किया जाता है। शारीरिक कष्ठ को दूर करने के लिए सरसों के तेल से अभिषेक किया जाता है। सुख और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया जाता है।

महामंडलेश्वर सुरेन्द्रा देवी जी द्वारा बताया गया कि भारत वर्ष में भगवान शिव शंकर के 12 ही पवित्र धाम हैं उन धामों में निमत् ही सावन मास में विशेष पूजा अर्चना की जाती हैै। उन्होंने बताया कि मंदिर में पहली मर्तबा इस तरह का आयोजन किया जा गया है और भविष्य में भी मंदिर द्वारा भक्तों क इच्छानुसार समय समय पर इस तरह के धार्मिक आयोजन किया जाएगा।

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि 12 सितम्बर को मंदिर का वार्षिक मेला व भंडारा बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। जिसमें सभी शहरवासियों को भगवान गुग्गा जी का आर्शीवाद प्राप्त होगा। समारोह के अंत में महादेव की आरती की गई।

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