पंजाब के राज्यपाल को किया गया सम्मानित
पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित पहुंचे
राजस्थान परिषद ने मनाया 45वां स्थापना दिवस
चंडीगढ़। पलक बुहारो आँगणों, रानी सा पधराए, घूमर रमवा रे, आप पधारो
सा…म्हारो राजस्थान। राजस्थानी संस्कृति को प्रदर्शित करता यह गीत गूंज
रहा था चंडीगढ़ सेक्टर-33 के राजस्थान भवन में। मौक़ा था राजस्थान परिषद
की 45वीं वर्षगाँठ का। जिसको भव्य बनाने के लिए चंडीगढ़ के प्रशासक और
पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित यहाँ मौजूद थे। प्रशासक अपने
प्रदेश की संस्कृति को चंडीगढ़ में देखकर एकदम उत्साहित थे।
राजस्थान परिषद की वर्षगाँठ के मौक़े पर चंडीगढ़ के प्रशासक ने परिषद के
सभी सदस्यों को बधाई दी और कहा कि राजस्थानी संस्कृति की पूरी झलक
चंडीगढ़ में आयोजित इस समारोह में दिखाई दे रहा है। इस मौक़े पर उन्होंने
कहा राजस्थानी संस्कृति एक ख़ास संस्कृति है, जिसमें भारत की एक झलक
दिखाई देती है। इस मौक़े पर राजस्थान परिषद ने पंजाब के राज्यपाल को
सम्मानित किया।
इस मौक़े पर परिषद की महिलाओं ने राजस्थानी संस्कृति को दिखाते तीन नृत्य
पेश किए। राजस्थान परिषद के सदस्यों ने इस नृत्य के लिए काफ़ी समय से
मेहनत की थी। जिसमें मोर और अन्य पक्षियों की झलक भी मिली। परिषद की ओर
और म्यूज़िकल कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।
इस मौक़े पर राजस्थान परिषद के सदस्य आर के साबू भी मौजूद रहे। राजस्थान
परिषद के अध्यक्ष संजय बागरी ने कहा कि राजस्थान परिषद की स्थापना के 45
वर्ष के दौरान सभी सदस्यों ने इसमें अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि परिषद द्वारा आयोजित किए जाने वाले मेडिकल कैंप, रक्तदान
शिविर के माध्यम से समाज को मदद पहुँचाने का लगातार प्रयास किया जा रहा
है। इस मौक़े पर परिषद के उपाध्यक्ष रामावतार शर्मा ने कहा कि परिषद के
माध्यम से न सिर्फ़ राजस्थानी लोगों को जोड़ा गया बल्कि इन सभी के माध्यम
से चंडीगढ़ में लोगों से कनेक्ट भी स्थापित किया गया, जिससे परिषद लगातार
ज़रूरतमंदों को सेवाएँ प्रदान कर रहा है। इस मौक़े पर परिषद के महासचिव
सुशील जैन, वित्त सचिव पंकज लोढ़ा ज्वाइंट सेकेट्री कम पीआरओ दीपक गुप्ता
भी मौजूद रहे।